वस्तु एवं सेवा कर अर्थात गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) के रूप में भारतीय अर्थव्यवस्था स्वतंत्रता के पश्चात अब तक के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही है। निश्चय ही जीएसटी, विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की कर प्रणाली में आजादी के बाद अब तक का सबसे बड़ा वह परिवर्तन है, जो अपने साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की क्षमता रखता है। इसके परिणामस्वरूप एक वस्तु की कीमत पूरे भारत में एकसमान ही होगी। कर दो प्रकार के होते हैं- एक प्रत्यक्ष और दूसरे अप्रत्यक्ष। प्रत्यक्ष कर, जो हम सरकार को सीधे तौर पर देते हैं, जैसे आयकर, संपत्ति कर आदि। अप्रत्यक्ष कर, जो व्यापारी या फिर सर्विस प्रोवाइडर अपने ग्राहक से लेकर सरकार को देता है। वास्तव में जीएसटी के दायरे में केवल अप्रत्यक्ष कर आ रहे हैं, प्रत्यक्ष कर यथावत ही हैं। अब जो अप्रत्यक्ष कर हैं, वे अभी तक ग्राहक से तो ले लिए जाते थे, लेकिन सरकार के खाते में पहुंच नहीं पाते थे। जीएसटी के रूप में व्यापक आर्थिक सुधार प्रक्रिया को भारत में गति देने का प्रयास किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक में जीएसटी को व्यापक संदर्भ में सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया गया है। यह पुस्तक प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए उपयोगी एवं पठनीय है। कर प्रशासन में संलग्न अधिकारियों, कारोबारियों, अधिवक्ताओं और छात्रों के लिए यह पुस्तक विशेष संग्रहणीय है।