नाड़ी शास्त्र भारतीय संस्कृति तथा साहित्य का अनमोल खज़ाना है। अनेक महर्षियों ने आज से हज़ारों वर्ष पूर्व, लाखों-करोड़ों लोगों के लिए तमिल भाषा में लिखे नाड़ी भविष्य को प्राचीन ताड़पत्रों पर उकेरा था। इस नाड़ी भविष्य को आप आज भी मात्र अंगूठे के निशान से जान सकते हैं। इसके माध्यम से आप अपने माता-पिता, पति/ पत्नी का नाम, जन्मतिथि, वार, महीना, संवत्सर आदि भी जान सकते हैं। यह चमत्कार नहीं तो क्या है? नाड़ी ग्रंथ भविष्य में विंग कमांडर (निवृत्त) शशिकांत ओक द्वारा नाड़ी पट्टियों का जिज्ञासु प्रवृत्ति से अध्ययन तथा अपनी व अन्य नाड़ी ग्रंथ प्रेमियों का अनुभव प्रस्तुत किया गया है। साथ में नाड़ी भविष्य जानने के उत्सुक लोगों के लिए नाड़ी शास्त्रियों के पते तथा अन्य आवश्यक जानकारी इस पुस्तक में दी गई है।