इस पुस्तक में नीरज ने कबीर वाणी कबीर जीवनी तथा कबीर वाणी के अनेक पहलुओं का सरल भाव प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है । उसने यह कार्य बड़ी सरल भाषा तथा साधारण शैली में किया है । उन्हें न तो अपने विद्वान होने का भ्रम है और न ही अनजान होने का दुख । उसने जैसे कबीर को समझा वैसे ही प्रकट कर दिया है । उसकी हार्दिक इच्छा है कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति कबीर को जाने और उनकी महान् शिक्षाओं को पहचाने । मुझे आशा है कि नीरज अपने उद्देश्य में सफल रहेंगे ।