यह एक पिछड़े छोटे से गांव में निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ. विजय अग्रवाल के जीवन की सच्ची कहानी है। यह उस किसी भी ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो अपनी विपरीत परिस्थितियों से हार मानने से इंकार करके अपनी ज़िन्दगी में निरंतर अग्रसर होता जाता है। इसको पढ़ते समय इसमें आपको कई जगह अपनी झलक दिखाई दे सकती है।
यह एक पिछड़े छोटे से गांव में निम्न-मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे डॉ. विजय अग्रवाल के जीवन की सच्ची कहानी है। यह उस किसी भी ऐसे व्यक्ति की कहानी है, जो अपनी विपरीत परिस्थितियों से हार मानने से इंकार करके अपनी ज़िन्दगी में निरंतर अग्रसर होता जाता है। इसको पढ़ते समय इसमें आपको कई जगह अपनी झलक दिखाई दे सकती है।