ज्ञान बड़ा होता है या तहज़ीब? जवाब है तहज़ीब। जब भी हम किसी से मिलते हैं, तो उससे मिलने का मतलब होता है उसके तहज़ीब से मिलना। और यह हमारे दिमाग में इसी रूप में दर्ज रहता है, अपने तहज़ीब के रूप में, अपने शिष्टाचार के रूप में। इसे कोई भी सीख सकता है, यहाँ तक कि वह भी, जिसे यह तक नहीं मालूम कि शिष्टाचार होता क्या है? यही इसकी खूबी है। शिष्टाचार के जरिए आप सामने वाले को न केवल इम्प्रेस ही करते हैं, बल्कि उसके दिल और दिमाग में उतरकर उसे जीत भी लेते हैं। शिष्टाचार व्यावहारिक जीवन की वह सर्वोत्तम जादुई मशाल है, जो सभी के हाथों में होनी ही चाहिए। यह पुस्तक इसी मशाल का काम करती है। यह किताब आपको निजी से लेकर परिवार और समाज तक के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं से जुड़े सभी तरह के शिष्टाचारों के बारे में बताती है कि आपको कब-कब, कहाँ-कहाँ, क्या-क्या करना चाहिए। और यह भी बताती है कि क्या-क्या नहीं करना चाहिए। यह एक बहुत ही ज़रूरी किताब है, खासकर विद्यार्थियों और युवाओं के लिए।