"सचमुच, यह पुस्तक युवाओं, बड़ों तथा विशेषकर विद्यार्थियों और प्रोफ़ेशनल्स के लिए समय-प्रबंधन के लिहाज़ से बहुत उपयोगी है। मुझे ख़ासतौर से ‘दैनिक जीवन के लिए समय’ वाला चैप्टर बहुत अच्छा लगा।" -डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति मुट्ठी से रेत की तरह फिसलते समय और उसके प्रति हमारी उदासीनता को लेकर आगाह करती है यह पुस्तक! रोचक उदाहरण इसकी जान हैं। -इंडिया टुडे: 16 अक्टूबर, 2002 यह पुस्तक नई पीढ़ी के लिए काफ़ी उपयोगी है... इसमें लेखक ने अपनी बात को रोचक ढंग से, छोटे-छोटे उदाहरणों, रोचक कथा-कहानियों, जीवन प्रसंगों तथा प्रभावशाली सूत्र वाक्यों के द्वारा प्रस्तुत किया है। -राष्ट्रीय सहारा: 2 दिसम्बर, 2002 यह पुस्तक ‘समय आपकी मुट्ठी में’ परिचित परिवेश की आत्मीयता के साथ एक अलहदा ऊर्जा से आलोकित नज़र आती है।.... सफलता के परिप्रेक्ष्य में यह पुस्तक पठनीय होने के साथ-साथ जीवन में कुछ सकारात्मक जोड़ने का माद्दा रखती है। -नई दुनिया: 5 अक्टूबर, 2002 इस पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर एक अंतर्दृष्टि और मार्मिक शिक्षा अंकित है। पुस्तक अत्यंत पठनीय, रोचक, शिक्षाप्रद एवं विचारोत्तेजक है। -डा. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी प्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता एवं इंग्लैण्ड में भारत के पूर्व उच्चायुक्त