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Ek Anokha Guru
Ek Anokha Guru

Ek Anokha Guru

By: Benten Books
75.00

Single Issue

75.00

Single Issue

  • Sat Apr 20, 2013
  • Price : 75.00
  • Benten Books
  • Language - Hindi

About Ek Anokha Guru

यह जीवन कथा है एक ऐसे अनोखे गुरू की- जिसने खुद फैसला किया कि मेरे माता-पिता कौन होंगे। जिसने बचपन में वह सब किया, जो कोई भी दुस्साहसी, बदत्तमीज और आवारा लड़का कर सकता है, और उसके बावजूद जिसने केवल इक्कीस साल की उम्र में वह पा लिया, जो गौतम बुद्ध ने पैंतीस साल की उम्र में पाया था। जिसने अपने शिष्यों को नियमों से बंधने की बजाय नियमों से मुक्त होने का संदेश दिया। एक ऐसा जीवन, जो रहस्य और रोमांच से भरा हुआ है, जिसने आध्यात्मिकता की ऊँचाई को छुआ और उसे आज के संदर्भ में हम सबके लिए नए ढंग से परिभाषित किया। “रजनीश के शब्दों में- एक दिन ध्यान में कब कितना लीन हो गया, मुझे पता ही नहीं और कब शरीर वृक्ष से गिर गया, वह मुझे पता नहीं। जब नीचे गिर पड़ा शरीर, तब मैंने चौंककर देखा कि यह क्या हो गया। मैं तो वृक्ष पर ही था और शरीर नीचे गिर गया। कैसा हुआ अनुभव, कहना बहुत मुश्किल था। मैं तो वृक्ष पर ही बैठा था और मुझे दिखाई पड़ रहा था कि शरीर नीचे गिर गया है। सिर्फ एक रजत-रज्जु नाभि से मुझ तक जुड़ी हुई थी, एक अत्यन्त चमकदार शुभ्र रेखा। कुछ भी समझ से बाहर था कि अब क्या होगा? कैसे वापस लौटूँगा?”