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MAHAKAVI TULSIDAS KE PRERAK DOHO KI AAJ KE YUG ME UPYOGITA
MAHAKAVI TULSIDAS KE PRERAK DOHO KI AAJ KE YUG ME UPYOGITA

MAHAKAVI TULSIDAS KE PRERAK DOHO KI AAJ KE YUG ME UPYOGITA

By: ANURADHA PRAKASHAN (??????? ??????? ?????? )
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About this issue

तुलसीदास बाल्य काल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने बचपन में ही संस्कृत सीख ली और चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास ने काशी में वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास जी ने लगभग १५७४ के आस पास लेखन कार्य शुरू किया। उनकी बहुत सी रचनाये हैं जिनमे राम चरित मानस सर्वाधिक लोक प्रिय है। राम चरित मानस में चौपाई के माध्यम से भगवान् श्री राम की महिमा और चरित्र का विस्तार से वर्णन है।

TULSIDAS KE DOHO KI UPYOGITA

About MAHAKAVI TULSIDAS KE PRERAK DOHO KI AAJ KE YUG ME UPYOGITA

तुलसीदास बाल्य काल से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उन्होंने बचपन में ही संस्कृत सीख ली और चारों वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास ने काशी में वेदों का ज्ञान प्राप्त किया। तुलसीदास जी ने लगभग १५७४ के आस पास लेखन कार्य शुरू किया। उनकी बहुत सी रचनाये हैं जिनमे राम चरित मानस सर्वाधिक लोक प्रिय है। राम चरित मानस में चौपाई के माध्यम से भगवान् श्री राम की महिमा और चरित्र का विस्तार से वर्णन है।

TULSIDAS KE DOHO KI UPYOGITA