चलने का नाम जीवन है, यह परिवर्तनशील और गतिशील है। यदि गति नहीं तो जीवन नहीं। पिछले दिनों कुछ अस्वस्थता के कारण घर बैठना हुआ, समय काटे नहीं कटता था। इन्हीं दिनों विचार आया क्यों न मैं कुछ लिखूँ । कुछ हाइकु मैंने लिखे हैं, जो कि तथ्य पूर्ण है आशा हैं इसके विषय में अपना वक्तव्य देगें। आपकी आभारी रहूँगी ।
चलने का नाम जीवन है, यह परिवर्तनशील और गतिशील है। यदि गति नहीं तो जीवन नहीं। पिछले दिनों कुछ अस्वस्थता के कारण घर बैठना हुआ, समय काटे नहीं कटता था। इन्हीं दिनों विचार आया क्यों न मैं कुछ लिखूँ । कुछ हाइकु मैंने लिखे हैं, जो कि तथ्य पूर्ण है आशा हैं इसके विषय में अपना वक्तव्य देगें। आपकी आभारी रहूँगी ।