देवनागरी लिपि म प्रस्तुत उर्दू गज़लों का संग्रह 'गुलदस्त ए ग़ज़ल' बहुत ही सराहनीय कदम है। खासतौर से ग़ज़लों के प्रशंसक गैर उर्दू दान अफराद के लिए इस तरह की किताबों की बहुत अहमियत है। किताब की खासियत है कि इसम नामवर शोरा के साथ-साथ नवोदित शायरों के भी कलाम को शामिल किया गया है जिससे नई उर्दू ग़ज़ल की सम्त और सूरत-ए-हाल का भी अंदाज़ा होता है। गुलदस्त ए ग़ज़ल के संपादक और प्रतिभा मंच के बानी डॉक्टर असद निज़ामी साहब और तमाम शोरा को मेरी तरफ से मुबारकबाद और शुभकामनाएं।
देवनागरी लिपि म प्रस्तुत उर्दू गज़लों का संग्रह 'गुलदस्त ए ग़ज़ल' बहुत ही सराहनीय कदम है। खासतौर से ग़ज़लों के प्रशंसक गैर उर्दू दान अफराद के लिए इस तरह की किताबों की बहुत अहमियत है। किताब की खासियत है कि इसम नामवर शोरा के साथ-साथ नवोदित शायरों के भी कलाम को शामिल किया गया है जिससे नई उर्दू ग़ज़ल की सम्त और सूरत-ए-हाल का भी अंदाज़ा होता है। गुलदस्त ए ग़ज़ल के संपादक और प्रतिभा मंच के बानी डॉक्टर असद निज़ामी साहब और तमाम शोरा को मेरी तरफ से मुबारकबाद और शुभकामनाएं।