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Bajme Khyal
Bajme Khyal

About this issue

मेरा नाम मदन मोहन शुक्ल है। मैं 2 अक्टूबर 1939 में वाराणसी, यू.पी. में पैदा हुआ था। 18 साल की उम्र से जब B.H.U. का B.Sc. का फर्स्ट ईयर का छात्र था तभी से उर्दू शायरी में रूचि थी। बनारस में मुशायरों में शरीक होता था। यह रही 1957 की बात । पढ़ाई और शेरो शायरी दोनों साथ-साथ चलते थे। 1961 तक जिसमें मैंने M.Sc (Physics) किया। फिर इसके बाद Higher study में Physics में बहुत वक्त लगता था। शेरो शायरी करीब-करीब खत्म सी हो गई थी।
1968 में नार्वे गया Post Doctoral Study में। 1970 में Brazil आया ITA में Physics का Associate Professor बनकर। 1971 UNICAMP में पहले Assistant Professor, फिर Associate Professor फिर Professor बन गया। UNICAMP में काफी बड़े ग्रुप को Research Guide किया। कितने M.Sc और Ph.D thesis Theoretical Physics में guide किया। भारत की तीन यूनिवर्सिटी में Visiting Professor बनकर गया। अमेरिका की तीन यूनिवर्सिटी में Visiting Professor बनकर गया। दर्जनों रिसर्च पेपर इन्टरनेशनल जनरल में छापे। कई मुल्क कान्फ्रेंस में गया। इस तरह Physics की खूब सेवा की। 1991 में Optional retirement लिया। 1992 से 2000 तक दूसरे State University of S.P, UNESP में Associate Professor रहा। फिर फिजिम्स छोड़ दिया। दिन रात शेरो शायरी में दिन गुजर रहे हैं। 1981 में ब्राजीलिया नागरिक बन गया।

About Bajme Khyal

मेरा नाम मदन मोहन शुक्ल है। मैं 2 अक्टूबर 1939 में वाराणसी, यू.पी. में पैदा हुआ था। 18 साल की उम्र से जब B.H.U. का B.Sc. का फर्स्ट ईयर का छात्र था तभी से उर्दू शायरी में रूचि थी। बनारस में मुशायरों में शरीक होता था। यह रही 1957 की बात । पढ़ाई और शेरो शायरी दोनों साथ-साथ चलते थे। 1961 तक जिसमें मैंने M.Sc (Physics) किया। फिर इसके बाद Higher study में Physics में बहुत वक्त लगता था। शेरो शायरी करीब-करीब खत्म सी हो गई थी।
1968 में नार्वे गया Post Doctoral Study में। 1970 में Brazil आया ITA में Physics का Associate Professor बनकर। 1971 UNICAMP में पहले Assistant Professor, फिर Associate Professor फिर Professor बन गया। UNICAMP में काफी बड़े ग्रुप को Research Guide किया। कितने M.Sc और Ph.D thesis Theoretical Physics में guide किया। भारत की तीन यूनिवर्सिटी में Visiting Professor बनकर गया। अमेरिका की तीन यूनिवर्सिटी में Visiting Professor बनकर गया। दर्जनों रिसर्च पेपर इन्टरनेशनल जनरल में छापे। कई मुल्क कान्फ्रेंस में गया। इस तरह Physics की खूब सेवा की। 1991 में Optional retirement लिया। 1992 से 2000 तक दूसरे State University of S.P, UNESP में Associate Professor रहा। फिर फिजिम्स छोड़ दिया। दिन रात शेरो शायरी में दिन गुजर रहे हैं। 1981 में ब्राजीलिया नागरिक बन गया।