जब पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल किसी ऐसे द्रव्यमान पर लगता है जो निश्चित आयतन में अधिकाधिक मात्रा में हो तब उतने आयतन में होने वाली ग्रेविटी फोर्स एक निश्चित शक्ति की ही होती है। पर अधिक द्रव्यमान पर ये बल अपना प्रभाव पदार्थ की इनरटिआ के सामने थोड़ा कमजोर पड़ने से पदार्थ को धीरे-धीरे ही अपने ओर खींचता है। तो गति तो कम पर काफी शक्तिशाली इनरटिआ धीरे-धीरे नीचे की तरफ आती है तो अधिक शक्ति कर कम रही है।
जब पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल किसी ऐसे द्रव्यमान पर लगता है जो निश्चित आयतन में अधिकाधिक मात्रा में हो तब उतने आयतन में होने वाली ग्रेविटी फोर्स एक निश्चित शक्ति की ही होती है। पर अधिक द्रव्यमान पर ये बल अपना प्रभाव पदार्थ की इनरटिआ के सामने थोड़ा कमजोर पड़ने से पदार्थ को धीरे-धीरे ही अपने ओर खींचता है। तो गति तो कम पर काफी शक्तिशाली इनरटिआ धीरे-धीरे नीचे की तरफ आती है तो अधिक शक्ति कर कम रही है।