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SISKI (सिसकी)
SISKI (सिसकी)

SISKI (सिसकी)

By: ANURADHA PRAKASHAN (??????? ??????? ?????? )
80.00

Single Issue

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About SISKI (सिसकी)

जीवन का कथानक किसी फिल्मी कहानी की तरह नहीं होता जो कल्पना के पंख पहन नभ में विचरण करे । जिन्दगी का सच तो, धरातल का वह आयाम है जो पाताल सी गहराई लिए कभी भयाक्रांत करता है तो कभी पाताल के सुन्दर चित्रण को परिभाषित करता है । दोनों बच्चे प्रतिभा के बेड के पास गुमसुम से खड़े थे । मुझे देखते ही डाक्टर ने इशारे से मुझे बता दिया था कि अनहोनी हो चुकी है । प्रतिभा अब इस दुनिया में नहीं रही । मैं अपने दोनों बच्चों को कांधे से चिपकाए गुमशुम बैठा था