श्री शिव भारद्वाज द्वारा लिखित हिंदी उपन्यास 'किसान पुत्र' में बहुत ही मार्मिक तरीके से आज के युवा की मनोदशा का चित्रण किया है तथा किस प्रकार वह जमीन से जुड़कर वापस अपने गाँव में आकर नयी तकनीक से खेती करता है जिससे न सिर्फ अपना , अपने परिवार का अपितु सैकड़ों परिवारों का भला करता है