"अन्धकार (अज्ञान) रुपी दुष्कृति के विनाश के लिए युगावतार ठाकुर श्रीश्रीश्री केशवचन्द्र जी द्वारा निर्मीत संघ (विश्व भ्रातृत्व दिव्यात्मा परिषद्, स्वर्णक्षेत्र माहांगा, उड़िसा) के माध्यम से 22 वर्षो में ‘चरम‘ पत्रिका के उड़िया भाषा में 50 क्रमांक प्रकाशित हुए। प्रत्येक क्रमांक में अलग-अलग शीर्षक में अलग-अलग अध्यात्मिक लेख प्रकाशित हुए। उन 50 ‘चरम‘ में 600 के करीब लेख आये होंगे। विभिन्न शीर्षकों के नाम हैंः- उतिष्ठतः जाग्रत (युवा समाज के लिए), यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते (मातृजाति की जागृति के लिए), अध्यात्मिक प्रबंध, तुम्हारा कल्याण हो (करुणामय पिता-पूर्णपरंब्रह्म द्वारा हम संतानों के लिए), बाल धन (लघु कथाओं के माध्यम से ज्ञान), भक्ति, अच्युतानन्द की भविष्यवाणीयाँ आदि। उड़िया चरम के उन्हीं 600 लेखों में से इस पुस्तक में 30 के करीब लेख हैं जिन्हें पढ़ कर प्रत्येक अध्यात्म के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। संग्रहकर्ता अनिल चावला "