YE HONSLA KAISE JHUKE
YE HONSLA KAISE JHUKE

YE HONSLA KAISE JHUKE

  • Fri Jul 08, 2016
  • Price : 79.00
  • Rigi Publication
  • Language - Hindi
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इंसान के अविराम प्रवाहित जीवन में कभी न कभी किसी न किसी तरह की परेशानियां बाधा बनकर ज़रुर सामने आ खड़ी होती हैं जिससे न सिर्फ जीवन की धारा अवरुद्ध होती है बल्कि आत्मविश्वास को भी गहरी ठेस पहुंचती है और हौंसला पुरी तरह से मुरझा जाता है। बीमारियां भी जीवन की ऐसी ही बाधा है जिसका सामना इंसान अपने जीवन में एक न एक बार तो ज़रुर करता है और इनके चलते व्यक्ति मानसिक, शारीरिक और आर्थिक धरातल पर पूरी तरह से बिखर जाता है। यह पुस्तक ऐसी परिस्थितियों में खुद को कैसे संभाला जाये, ये बताने के साथ जीने और जीते रहने के हर पहलु को पुष्ट करने वाली है। यूं तो पुस्तक के केन्द्र में किडनी फैल्योर के दरमियान लेखक के संघर्ष की दास्तां को बताया गया है लेकिन वास्तव में इसे सिर्फ एक बीमारी से जंग के बतौर ही समझना चूक होगी। आशा है कि इसे पढ़कर पाठक को न सिर्फ जीवन को देखने की एक नई दृष्टि मिलेगी बल्कि जीवन में कई छोटी-छोटी परेशानियों के चलते आने वाले नकारात्मक विचारों से बाहर निकालने में भी यह मददगार साबित होगी।