अपना अस्तित्व बचा अपना अस्तित्व बचाने के लिए हर प्राणी जगत अपनी सारी ताकत लगा देता है | मगर उससे पहले उसे घोर विनाश से गुजरना पड़ता है | उसी तरह आज सम्पूर्ण विश्व विनाश की ओर अग्रसर है | वर्तमान आशंकाओं को देखते हुए समग्र विश्व एक बार फिर विश्वयुद्ध के द्वार पर खड़ा है | जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद है | आतंकवाद के अलावा विश्व बेरोजगारी, भुखमरी, अशिक्षा जैसी भीषण समस्याओं से जूझ रहा है | इस पुस्तक में इन सभी का प्रभावी रूप से उल्लेख किया गया है तथा पृथ्वी के घोर विनाश के खतरे का संकेत आतंकवाद के जरिये प्रमुख रूप से दिखाया गया है | साथ ही स्टूडेंट्स द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं के कारणों, उनके निराकरण और उन्हें बचाने के लिए किए जाने वाले क़दमों का बखूबी जिक्र किया गया है | मुझे आशा है यह पुस्तक आपको अन्दर से झकझोर देगी और एक बार फिर इनकी जवाबदेही के लिए सोचने पर मजबूर कर देगी |ने के लिए हर प्राणी जगत अपनी सारी ताकत लगा देता है | मगर उससे पहले उसे घोर विनाश से गुजरना पड़ता है | उसी तरह आज सम्पूर्ण विश्व विनाश की ओर अग्रसर है | वर्तमान आशंकाओं को देखते हुए समग्र विश्व एक बार फिर विश्वयुद्ध के द्वार पर खड़ा है | जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद है | आतंकवाद के अलावा विश्व बेरोजगारी, भुखमरी, अशिक्षा जैसी भीषण समस्याओं से जूझ रहा है | इस पुस्तक में इन सभी का प्रभावी रूप से उल्लेख किया गया है तथा पृथ्वी के घोर विनाश के खतरे का संकेत आतंकवाद के जरिये प्रमुख रूप से दिखाया गया है | साथ ही स्टूडेंट्स द्वारा की जाने वाली आत्महत्याओं के कारणों, उनके निराकरण और उन्हें बचाने के लिए किए जाने वाले क़दमों का बखूबी जिक्र किया गया है | मुझे आशा है यह पुस्तक आपको अन्दर से झकझोर देगी और एक बार फिर इनकी जवाबदेही के लिए सोचने पर मजबूर कर देगी |