Vishav Shanti: Ek Chintan
Vishav Shanti: Ek Chintan

Vishav Shanti: Ek Chintan

  • Thu Sep 16, 2021
  • Price : 90.00
  • Rigi Publication
  • Language - Hindi
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"6 दिसम्बर 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिरायी गयी तब देश में एक तूफान सा आ गया | ना जाने कितनी माताओं की गोद सुनी हो गयी | न जाने कितनी सित्रयों का सुहाग लुट गया | धर्म के नाम पर हिन्दू और मुसलमानों को खूब लड़ाया गया | हमेशा के एक खाई खोद दी गई | आज भी उस खाई को बनाये रखने के लिए 6 दिसम्बर को शौर्य दिवस व कलंक दिवस के रूप में मनाया जाता है | यह अभी अपने को ही नहीं जानते | हम कौन है ? हमारा संबंध कहाँ से हैं ? वह संबंधी कौन हैं ? क्या वह अनेक रूपों में हैं ? क्या वह एक नहीं हैं ? यही है मर्म, वह एक होते हुए अनेक रूपों में दिखाई देता हैं और वही अनेक रूपों में दिखाई देते हुए एक ही हैं | उसी के होने पर हमारा अस्तित्व है और उनके न होने की कल्पना नहीं की जा सकती है | शिवो हम शिव ही हम हैं और हम ही शिव हैं | जो ये विचार लिखें जा रहे हैं, यह कहीं से आ रहे हैं | आगे भी जो लिखे जायेंगे, वह भी वहीँ से आयेंगे | इस चर्चा का आदि अंत परमात्मा ही हैं | यह शरीर सिर्फ माध्यम ही हैं | यह परमात्मा की कृपा से ही संभव हो पा रहा है | "" मो सम कौन कुटिल खल कामी"" "