इस पुस्तक में, कवि ने आधुनिक समाज में घटित होने वाले मोहब्बत के कृत और विकृत रूपों को कविताओं के माध्यम से पिरोने का प्रयास किया है। कुछ कविताएँ स्वार्थी और निस्वार्थी चेहरों को दर्शाती हैं। कुछ झूठ पर आधारित हैं तो कुछ गंगा के सामान पावन मोहब्बत पर। कुछ कविताएँ बेवफा चेहरों को चित्रित करती हैं तो कुछ वफादार। कुछ कविताएँ निरीह वासना को भी चेहरा देती हैं। कुछ मोहब्बत के तूफां में उम्र का बंधन लाघने वाली घटनाओं ;फराह-श्रीश, अमृता-सैफ, पेरियार-मनिंमै, सलमान-पदमा, चार्ल्स सोभराज-निहिता बिस्वास, आदिद्ध पर प्रकाश डालती हैं। कुछ कविताएँ पवित्र-पावन रिश्तों जैसे-गुरु-शिष्य, आदि को भी कलंकित करने वाली घटनाओं ;प्रो. मटुकनाथ चैधरी-जुली, अरिंदम-रंजिता, आदिद्ध को काव्यत करती हैं। कुछ वासना और स्वार्थ के लिए बेकसूर लोगों के जीवन को नरक बना देने वाली घटनाओं ;तेजाब से झुलसती सोनाली मुखर्जी जैसी बेकसूर, अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करके मरने वाली पिपली गाँव, उड़ीसा की मासूम लड़कियाँ, आदिद्ध को चेहरा देती हैं। इसके अतिरिक्त कुछ कविताएँ मोहब्बत में प्राप्त होने वाले आनंद, इंतजार, दूरी, यादों, आदि को दृष्टि पटल पर लाती हैं। मोहब्बत के कृत और विकृत चेहरों पर की गई कवि की शोध का काव्य संग्रह आप सब के समक्ष प्रस्तुत है।