Kamaleshwar Ki Kahaniyon Mein Pragatisheel Chetna
Kamaleshwar Ki Kahaniyon Mein Pragatisheel Chetna

Kamaleshwar Ki Kahaniyon Mein Pragatisheel Chetna

  • Wed Aug 25, 2021
  • Price : 120.00
  • Rigi Publication
  • Language - Hindi
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कमलेश्वर की कहानियों में एक ओर सामाजिक वैषम्य पर प्रहार करने की कोशिश की गयी है तो दूसरी और मूल्य विघटन और सामाजिक विडम्बनाओं से साक्षात्कार दिखाई पड़ता है। समाज के शोषण, मानवीय संवेदना का अभाव, ग़रीबों की दुर्दशा का खुला चित्रण हुआ है। इनकी कहानियों में समाज के अंतर्विरोधों की सशक्त अभिव्यक्ति हुई है। मानव के संकट का मूल्य दरअसल व्यवस्थाजन्य है। मनुष्य स्वयं की बनाई जीवनप्रणाली का शिकार है। जब तक मौज़ूदा आर्थिक, सामाजिक और राजनितिक व्यवस्था पूरी तरह परिवर्तित नहीं होती, तब तक एक शोषण रहित मानवीय जीवन व्यवस्था संभव नहीं है।