यह कहानी सौरव और सिया की है जो एक सफर से शुरू होती है उस सफर में सिया सौरव की 3 बार मदद करती है पर अफसोस वह एक दूसरे के चेहरे से अनजान होते हैं वही उसके बाद सौरव सिया को एक ब्रेसलेट की निशानी से शहर में ढूंढता है सिया का सौरव को यू मिलना और सिया की तरफ खिंचाव उसे सिया को ढूंढने पर मजबूर कर देता है और उसे इस कहानी में एक प्यार का एहसास होता है फिर उनकी किस्मत उन्हें कॉलेज में एक अंजान तोर पर मिलाती है वहां काफी महीनों बाद शशांक और रूही की वजह से पता चलता है की सिया वही लड़की है जिसे सौरव ढूंढ रहा होता है फिर वहां से उनकी लव स्टोरी शुरू होते ही इस कहानी में एक नया मोड आता है और सौरव अमेरिका चला जाता है। कुछ सालों तक ऐसे ही दूरियां बरकरार रहती है फिर सौरव सिया से मिलने अपनी दोस्त पूजा के साथ अमेरिका से वापस आता है और उसे कुछ ऐसा सुनने को मिलता हैं ""Siya is no more"" यह सुनकर सौरव टूट जाता है लेकिन एक सच यह भी होता है की सिया जिंदा होती है आखिरकार क्यों और किसने इतना बड़ा झूठ सौरव से कहा। ""तुमसे मिलने की उम्मीद में मुरझाए फूल खिल रहे हैं किस्मत तो देखो हमारी बिछड़े मुद्दतों के हम कैसे मिल रहे हैं”