मुझे प्यार की चाहत हमेशा रही, पर ये भी सच है कि मिल के भी मिला नही। प्यार बहुत तरह का होता है। परंतु प्रमुखतः ये दो प्रकार का होता है- एक तरफ़ा और दो तरफ़ा। एक तरफ़ा नाम मे इतना दर्द है तो सोचो करने वाले पर क्या बितती है। कभी मुझे ना चाहते हुए भी प्यार हो गया, जो सिर्फ दर्द और घुटन देने लगा। फिर मैंने कविता लिखना शुरू किया। जब दर्द ज्यादा होता, लिखता, ओर दर्द खुद कम हो जाता। ये सिलसिला चलता रहा, सालो बीत गए। दर्द ए दिल की दवा है इन कविताओं में। ना चाहते हुए भी किसी को प्यार करना, दूर जाने का सोचना फिर उनसे प्यार करना, कभी दूर रहके भी साथ रहना, प्यार करके घुटते रहना, प्यार में दर्द में रहना, बस दूर से अपने प्यार को देखना, बिना इज़हार किये सालो बिता देना। एक तरफ़ा प्यार में ज्यादा कुछ कहने को नही होता सिर्फ सहना होता है। ये कविता है कहानी एक लड़के की जो एक लड़की से सच्चा प्यार करता था। प्यार से ज्यादा सिर्फ उसकी खुशी के बारे में सोचता था। प्यार में हमेशा उसे दर्द, तन्हाई, रुसवाई ही मिली और जब खुशी मिलती तो उस एक पल को वो हज़ारो बार जी लेता। हर कोशिशें नाकाम हुई, वो लड़की आखिर उसे छोड़ चली गयी। दोस्तो मैने तो बहुत दर्द सहा, शायद मेरी कविताये आपके दर्द को कुछ कम कर दे। दुआ है ये आशिक़ की, मुझे अपना प्यार ना मीला तो क्या, आपको आपका सच्चा प्यार जरूर मिले।