यादें हर एक व्यक्ति के लिए विशेष महत्व रखती हैं। फिर चाहे वो बचपन हो, जवानी हो या बुढ़ापा। हम एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। हम हर रोज़ न जाने कितने लोगों को देखते या बात करते हैं। किसी जगह हमारा मन बहुत अच्छा महसूस करता है तो कहीं हमारा मन बहुत बैचेन हो उठता है। हम किसी बहुत सी बातें करना चाहते हैं और किसी से एक शब्द भी नहीं। इन सभी स्थितियों में हमारे दिल का एक कोना इन सभी यादों-मुलाक़ातों को संजोये रखता है। इन प्रक्रिया में एकदिन यादों का कारवाँ बन जाता है। -- बलिया जिले के बिल्थरारोड से ताल्लुक रखने वाले, युवा हिन्दी लेखक अमन बरनवाल की शैक्षिक योग्यता स्नातक है तथा वर्तमान में नई दिल्ली रहकर सिविल सर्विसेज(IAS/PCS) की तैयारी कर रहे हैं। अमन बताते हैं कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के दौरान ही मेरे अंदर काव्य रचना की इच्छा जागृत हुई। 'यादों का कारवाँ' इसी का परिणाम है।