कविताएँ सामान्यतः एक कवि के जीवन में सच्चे मित्र की भूमिका निभाती हैं जिनके साथ न केवल वो अपनी ख़ुशियाँ जाहिर कर सकता है बल्कि उनकी संगति में अपना जी हल्का करने में भी सहज अनुभव करता है। निजी जीवन की विडंबनाओं से लेकर सामाजिक प्रसंगों पर उसके विचारों तक, न जाने कितने संवाद वो अपनी कविताओं से करता है। इस पुस्तक के शीर्षक "...तुम किससे कहती होगी" में 'तुम' एक कवि का उसकी कविताओं के प्रति संबोधन है। ये विभिन्न विषयों पर लिखी गई कविताओं का संकलन है जिसमें समसामयिक मुद्दों का अवलोकन भी है और कल्पनाओं का प्रतिबिंबन भी। हास्य-व्यंग्य की सरलता है तो जीवन की गहनता भी। श्रृंगार के रंग हैं तो वीर रस की झलक भी है। ये संग्रह एक प्रयास है अनेकों भावनाओं की काव्य यात्रा की निश्छल प्रस्तुति का। -- आई.आई.टी, धनबाद (IIT Dhanbad) से कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री (B.Tech+M.Tech) में अध्ययनरत युवा हिन्दी लेखक आदर्श जैन ग्वालियर, मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। आदर्श जी आई.आई.टी, धनबाद (IIT Dhanbad) की हिन्दी साहित्यिक समिति, चयनिका संघ के छात्र संयोजक भी रहे हैं एवं कॉलेज स्तर पर आयोजित काव्य पाठ, वाद-विवाद, मोनोएक्ट जैसी कई प्रतियोगिताओं में पुरूस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं। कुछ प्रतियोगिताओं में इन्होंने कॉलेज का प्रतिनिधित्व भी किया है। साथ ही देश के कुछ प्रतिष्ठित कवियों के साथ मंच साझा करने का अवसर भी इन्हें प्राप्त हुआ है। वर्तमान में कॉलेज के आखिरी (10th) सेमेस्टर में हैं और अभी मल्टीनेशनल कंपनी के शोध संस्थान में इंटर्नशिप भी कर रहे हैं। जुलाई 2020 से पूर्णकालिक नियुक्ति का ऑफर भी इन्हें, इस कम्पनी द्वारा पहले ही दिया जा चुका है।