हर किसी का कुछ ना कुछ अपना राज़ होता है जिसे वो किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं बताता | लेकिन कभी-कभी यह अपने से ज्यादा दूसरे के लिए दुखदायी साबित हो जाता है | युवा लेखक कपिल पोसवाल की लिखी इस क़िताब में ऐसा ही कुछ हुआ है | -- एक लकड़ा, जिसकी गर्लफ्रेंड का एक अज़ीब सा राज़ था। एक ऐसा राज़ जो उसे उम्मीद भी नहीं थी की ऐसा कुछ होगा, मगर जब अचानक उसकी गर्लफ्रेंड का राज़ उसके सामने आया तो उसकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल गई। वो इसके लिए बिलकुल भी तैयार नहीं था। वो इसके बीच फंस चुका था कि अब वो क्या करे? उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। राज़ कुछ इस तरह का था कि जिसका वाकई कोई हल ही नहीं था। उसने बहुत सारी कोशिशें की मगर कोई फ़ायदा नहीं हुआ। सोचा की अब वो क्या करे? कैसे इस सब को ठीक करे?