राहों हवाओं में मन एक युवा कवि द्वारा रचित काव्य संग्रह है ये कवि के मन की कल्पना है कि वो अपने जीवन के शुरूआती दिनों में कुछ बड़ा करना चाहता है ऐसे सपने सपने देखना चाहता जो औरों से अलग हों वो अपनी मंजिल के बीच आने वाली राहों और हवाओं में विचरता है उसे मंज़िल तक पहुँचने में लगने वाले समय का सब्र नहीं होता वो अपने मन को पतंग करना चाहता है वो चाहता है कि पंक्षी बन हवा में उड़ जाए या कुछ ऐसा को कि पलकें झपकें और वो मंज़िल के क़रीब खड़ा हो -- शिवम अन्तापुरिया, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश के ग्राम अन्तापुर से ताल्लुक रखते हैं इनका जन्म किसान परिवार में हुआ इण्टरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही इनका मन साहित्य की ओर झुक गया और कविताएँ, कहानियाँ, गीत लिखने का शौक हो गया। अब तक दुनिया के सबसे बड़े काव्य संग्रह "बज़्म ए हिन्द" में "समस्याओं ने घेरा" नामक रचना और साहित्य नामा काव्य संग्रह में "मौन शक्ति" नामक रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं देश के अखबारों और पत्रिकाओं निरंतर कविताएं प्रकाशित हुआ करती हैं नवांकुर कवि सम्मान, नई कलम सम्मान, युवा साहित्य संगठन द्वारा सम्मानित किए जा चुके हैं।