मन को किसी भी बंधन में बाँधा नही जा सकता। मन किसी के द्वारा नियंत्रित नही किया जा सकता। वो तो आसमान में उड़ने वाले उस परिंदे की तरह है जो खुले आसमान में जी भर के उड़ना चाहता है। बिना किसी रोक-टोक और समय सीमा के। यह पुस्तक कुछ इसी तरह के भाव लिए हुए है। जिसे पढ़ते वक़्त आप वैसा ही अनुभव करेंगे जैसा लेखिका ने लिखते वक़्त महसूस किया था। -- हॉकी की नेशनल प्लेयर, युवा हिन्दी लेखिका पी. एस. भौरिया (पूजा भौरिया) हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव सेवली से ताल्लुक रखती हैं। इन्होंने प्रारम्भिक शिक्षा विद्या देवी जिंदल स्कूल, हिसार बोर्डिंग से पूरी करी। ततपश्चात् जीसस एंड मैरी कॉलेज से स्नातक एवं आईपी कॉलेज फॉर वुमन, दिल्ली यूनिवर्सिटी से परास्नातक (M.A.) पॉलिटिकल साइंस की शिक्षा प्राप्त की है। पूजा जी अपने आप को दिल से घुमक्कड़ मानती हैं।