पूर्वी उत्तर प्रदेश की मिट्टी शायरों और कवियों के लिए बड़ी उपजाऊ है। अच्छा लगता है जब हमारी इस मिटटी की नई पौध से मुलाक़ात होती है। अभिजित त्रिपाठी ‘अभि’ को इनकी पहली किताब के लिए मेरी शुभकामनाएँ। - मनोज मुन्तसिर, प्रख्यात गीतकार --- एक युवा के मन का विस्तृत विवेचन और उस मन में उत्पन्न होने वाली अवस्थाएँ। हर पहलू को एक युवा दृष्टि से देखना। देश-विदेश से लेकर संस्कृति और गाँव-देहात की जीवनशैली का महीन चित्रण ही इस पुस्तक की जान है। यह एक काव्य संग्रह है जो आपको कई पहलुओं पर सोचने-विचारने पर विवश करेगा। --- मूल रूप अमेठी, उप्र. के एक छोटे से गांव पूरेप्रेम से ताल्लुक़ रखने वाले युवा हिन्दी लेखक अभिजित त्रिपाठी ‘अभि’ ने आर.आर.पीजी(RRPG) कॉलेज, अमेठी से इतिहास, हिन्दी तथा सैन्य विज्ञान विषय में स्नातक किया है। अब वहीं से मध्यकालीन तथा आधुनिक इतिहास विषय से परास्नातक कर रहे हैं। अभिजित ने बारहवीं में कॉलेज टॉप किया था और स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर रहे थे। युवा लेखक अभिजित द्वारा लिखित रचनाएँ आये दिन देश-विदेश के प्रमुख पत्र/पत्रिकाओं में छपती रहती हैं।