ज़्यादातर मामलों में आशिक़ों के लिए अक्सर इश्क़ आउट ऑफ़ बजट ही रहता है। कभी-कभी प्यार के लिए साथी कम और शर्तें ज़्यादा ज़रूरी लगती हैं। जाति-धर्म, रंग-रूप, पैसा, परिवार, स्टेटस और न जाने कितनी ऐसी ऑर्थोडॉक्स दीवारें इसको आउट ऑफ़ सिलेबस ही नहीं बल्कि आउट ऑफ़ बजट भी बना डालती हैं। आशी जो कि एक राइटर है, अपने पति को ट्रेन यात्रा के समय कहानी सुनाना शुरू करती है। एक बिल्कुल नई कहानी- मीरा और माधव की। मीरा, माधव से अक्सर कहती है कि वह उसके लिए आउट ऑफ़ बजट है। क्या आपकी भी लव स्टोरी कभी बजट की कमी का शिकार हुई है? अगर हाँ तो यह कहानी आप ही के लिए है। -- सुप्रसिद्ध हास्यकवि काका हाथरसी की जन्मभूमि हाथरस, उप्र. में जन्मी युवा हिन्दी लेखिका प्रियंवदा दीक्षित की शिक्षा-दीक्षा महादेवी वर्मा के शहर इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुई है। प्रियंवदा जी ने जनसंचार (Mass Communication) में परास्नातक (Masters) करने के दौरान ही लेखन की शुरुआत कर दी थी। माता-पिता इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने-माने अधिवक्ता हैं, विकल्प था कि ख़ुद भी वक़ालत का पेशा अपना लें किन्तु इन्होंने लेखन को चुना। पढ़ाई के साथ-साथ प्रियंवदा कई नामी वेब पोर्टल्स के लिए कहानी-कविता और न्यूज़ आर्टिकल्स लिखतीं हैं। प्रियंवदा जी ने 'प्रयाग संगीत समिति’ से 'कथक’ में भी महारत हासिल की है। मात्र 24 वर्ष की आयु में इन्होंने अपनी पहली पुस्तक “तुम्हारी प्रियम” लिखी थी।