"चुभन" ये पुस्तक ज़िन्दगी और प्रेम में हुए तज़ुर्बों को कविताओं और ग़ज़लों के सहारे पन्नों पर उतारने की एक कोशिश है। ज़िन्दगी को पढ़ पाना और मुहब्बत को शब्दों में बयाँ करना कभी भी इतना आसान नही होता, केवल कोशिश ही की जा सकती। "चुभन" इसी कोशिश का एक नाम है। -- बैंक में प्रबन्धक, युवा हिन्दी लेखक अश्वनी प्रताप मुरादाबाद से ताल्लुक रखते हैं। अश्वनी जी ने छोटे से सरकारी स्कूल से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय तक का सफ़र तय किया है। लखनऊ विश्वविद्यालय के दौरान ही उन्हें लिखने की प्रेरणा मिली। जहाँ उनके द्वारा पहली बार अपनी रचना को दूसरों के समक्ष रखने का मौक़ा मिला। उस रचना पाठ के दौरान मिली तालियों और तारीफ़ों ने अश्वनी जी की क़लम की धार को पहले से कहीं अधिक तेज़ कर दिया था। आज अश्वनी जी अपनी पहली किताब ‘चुभन’ को आप सब के समक्ष रखने जा रहे हैं।