इस संग्रह की सभी रचनाएँ 80-90 के दशक में कवि कामेश्वर जी द्वारा लिखी गयी थीं, जिनको सहेजने का कार्य उनके सुपुत्र श्री हेमंत कुमार जी द्वारा किया गया है। हेमंत जी भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी में सहायक महाप्रबंधक हैं। --- सिंचाई विभाग में प्रशासनिक अधिकारी रहे स्वर्गीय कवि कामेश्वर प्रसाद "कमलेश/बघरवाल" का जन्म २ जनवरी १९३५ के दिन पवित्र नदी गंगा से सटे गाँव बघरा, जिला समस्तिपुर, बिहार में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उन्होंने साहपुर पटोरी से मैट्रिक, कोसी महाविद्यालय, खगड़िया से इंटरमीडिएट, राजेन्द्र महाविद्यालय, बिहार से बी.ए (हिन्दी स्नातक) की शिक्षा हासिल की। उनके माता-पिता का नाम श्री यदुनंदन प्रसाद व श्रीमती संध्या देवी था। कवि की पत्नी का नाम श्रीमती हेमलता देवी है। कवि का प्रारंभिक जीवन बड़ा ही संघर्षमय रहा क्योंकि केवल दो वर्ष की आयु में ही उनके सर से पिता का साया उठ गया। फिर भाई बहन या साथी के सहारे पठन पाठन पूरा करके अपना जीवन इमानदारी से बिहार सरकार और अपने इर्द-गिर्द परिवार व समाज को समर्पित किया, जो कि अपने आप में एक अनूठा व अनुकरणीय उदाहरण है। अपनी उत्कृष्ट सेवाओं और रचनाओं से लोगों के हृदय में अमृत्व प्राप्त कर लेने वाले इस महान कवि ने ९ अप्रैल १९९६ को इस संसार को अलविदा कह दिया। जीवन का अंतिम सत्य मृत्यु ही होता है पर कुछ लोग अपने सद्गुणों की ऐसी छाप छोड़ जाते हैं जिस कारण समाज उन्हें आने वाले समय तक याद करता है। कविवर कामेश्वर प्रसाद "कमलेश/बघरवाल" जी ऐसी ही एक शख्सियत थे। कवि कामेश्वर प्रसाद जी हिन्दी भाषा को विशेष महत्व व सम्मान देते थे व इसका प्रचार-प्रसार भी करते थे। कविवर कामेश्वर प्रसाद जी की कविताएँ आज भी हम पढ़ते, सुनते और समझते हैं तो वे सारी कविताएँ सजीव जान पड़ती हैं। उनकी कविता वास्तविकता का दर्पण है जिनमें जीवन की सच्चाई का अनूठा विवरण मिलता है।