‘आसमानी रुपये’ एक सामाजिक उपन्यास है जिसमें बनते-बिगड़ते इन्सानी रंगों का विस्तृत चित्रण पढ़ने को मिलता है। पृथ्वीवासियों की चित्तवृत्ति और उनका लालच, इर्ष्या और दुर्भावनाओं से भरा होना इस उपन्यास का मुख्य अंग है। उपन्यास का हर एक अध्याय हक़ीक़त को दर्शाता दिखाई पड़ता है। हमारे आस-पास रोज़मर्रा की गतिविधियों को लेखक अमरेज़ अंसारी ने बखूबी समझ पन्नों पर उतारा है। -- हज़ारीबाग, झारखण्ड से ताल्लुक रखने वाले युवा हिन्दी लेखक अमरेज़ अन्सारी हिन्दी से एम0 ए0 (M.A) कर चुके हैं। अमरेज़ अन्सारी की लिखी कविता एवं कहानियाँ निंरतर ऑल इण्डिया रेडियो, आकाशवाणी पर प्रसारित होती रहती हैं। युवा लेखक अमरेज़ स्क्रीन राईट एसोसिएशन (मुंबई) के सदस्य भी हैं। इस समय अमरेज़ फिल्म पटकथा लेखन में सक्रिय हैं। अमरेज़ प्रमुख भारतीय लेखकों में से एक, फणीश्वरनाथ रेणु की प्रमुख कहानियों का आलोचनात्मक अध्ययन भी कर चुके हैं। अमरेज़ को साहित्य सृजन मंच(चतरा) से सम्मान पत्र द्वारा पुरुस्कृत भी किया जा चुका है।