कुंवर ने शरारत भरे लहजे में कहा और शूबी भी कनखियों से मुस्कुरा रही थी । तन्नू दोनों पति-पत्नी के इस तरह से खुले हुए व्यवहार से बहुत प्रभावित हुई । सोचने लगी हम मिडिल क्लास लोगों की सोच भी कितनी तंग होती है, प्रेमी - प्रेमिका हो या पति पत्नी , किसी और की तरफ नजर उठाकर भी देख ले तो क़यामत आ जाती है और इन दोनों को देखो ...कुंवर कैसे फलर्टिंग अंदाज में मुझसे बात कर रहा है और शूबी का कोई नेगेटिव रिएक्शन नहीं । औपचारिक बातों के बाद विनय का जिक्र हुआ, शूबी ने कुंवर को कहा की विनय का ख़ास ध्यान रखना है तुम्हे । कैसे भी करके उसके लिए एक हाई प्रोफाइल पोस्ट रेडी करो । तन्नू को मैं मायूस नहीं कर सकती । अरे यार तुमने कह दिया और काम हो गया, आज शाम को पार्टी है... तन्नू तुम भी चलो हमारे साथ .... तुम्हारा नया सर्कल बनेगा... अच्छा लगेगा तुम्हे । कुंवर ने शूबी की और देखते हुए कहा .... हाँ हाँ तन्नू.......... तुम भी चलो, अच्छा लगेगा तुम्हें.....हम लोग खूब मस्ती करते हैं । शूबी की बात सुनकर तन्नू का मन गुदगुदाने लगा , लेकिन सोचने लगी पता नहीं मम्मी पापा इजाजत देंगे या नहीं । इतने दिनों के बाद मायके आयी हूँ कहीं फिर पार्टी की बात सुनकर माहौल ख़राब न हो जाए । और फिर ऐसी पार्टी में जाने के लिए कपड़े भी तो उस हिसाब से चाहिए । यहाँ तो मेरे पास ऐसी कोई ख़ास ड्रेस नहीं है । चलो देखती हूँ ... इसका भी समाधान ढूंढना होगा । सोच में डूबी तन्नू ने पार्टी के लिए हाँ कर दी । जितनी देर बाते चलती रही तन्नू ने ध्यान दिया की कुंवर उसे ही निहार रहा था और इस बात का शूबी को भी एहसास था लेकिन उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था । तन्नू को थोड़ा असहज लगा और एक बार तो लगा की पार्टी में न जाने का कोई बहाना मार दे लेकिन अपने खुद के स्वार्थ के आगे विवश हो गयी । ऐसे माहौल और हाई क्लास पार्टी में जाने का मौका नहीं छोड़ना चाहती थी । घर में माँ को कहा कि ऑफिस से फ़ोन आया है और जाना पड़ेगा, वहाँ से घर चली जाऊँगी और फिर आप दोनों वहीँ आ जाना क्योंकि ऑफिस की ज्यादा छुट्टी भी नहीं कर सकती ।