अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में भले ही योग ने आज पुनः याति प्राप्त कर ली है परन्तु सच तो यह है कि तन-मन को शांत और स्वस्थ रखने वाला योग, सदियों नहीं युगों पुराना है, जिसे हर कोई नहीं जनता। यह पुस्तक जीवन में न केवल योग के महत्त्व को दर्शाती है बल्कि योग के इतिहास व उससे मिलने वाली लाभों को भी बताती है। क्या है योग का विज्ञान और विधान? यह कितना व्यावहारिक है, कितना वैज्ञानिक? किस रोग में, कौन सा योग, कैसे और कितना करें? आध्यात्मिक साधना और स्वास्थ्य सुधार में कितना सहयोगी है योग? सब कुछ विस्तार पूर्वक इस पुस्तक से जाना जा सकता है। इतना ही नहीं किन योगाचार्यों एवं योग गुरुओं की योग को विश्वविख्यात बनाने में अहम् भूमिका रही तथा कैसे और क्यों, यह योग आज विश्व भर में अपनी छाप छोड़ रहा है, इन सभी का विवरण इस पुस्तक में है।