जीवन के विविध रंगों से सराबोर इस काव्य संग्रह में लेखक ने अपने जीवन के 35 वर्षाें के अनवरत अनुभव को छोटे-छोटे काव्य खण्डों के रूप में पिरोया है। ध्यान, योग व साधना के माध्यम से पिछले चार दशकों में लोगों के जीवन में अविश्वनीय परिवर्तन लाने वाल डॉ. राम मोहन वर्मा को इन काव्य खण्डों को सृजित करने के दौरान विश्व के लगभग 50 राष्ट्रों के अनुभवी साधकों, दार्शनिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों, लेखकों व अन्य भद्र पुरुषों का सानिध्य प्राप्त हुआ है। इस काव्य संग्रह में प्रकृति व मनुष्य के अखंड, अनंत व अव्यक्त सूक्ष्म भावों एवं मानवीय व्यवहारों का चित्रण बड़े सरल-सहज रूप में किया गया है। यह सार्वभौमिक काव्य संग्रह जीवन के मूल लक्ष्य की ओर चलने हेतु प्रेरित करता है एवं हमारे मन मस्तिस्क के भावों को विकार मुक्त, स्वस्थ एवं पुलकित करता है, साथ ही हमें जीवन जीना सिखाता है। विषयवस्तु की विविधता को ध्यान में रखते हुए इस काव्य संग्रह को अलग-अलग खण्डों में विभाजित किया गया ताकि पाठकों को संबंधित विषय चुनने में आसानी हो।