भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति धीरे-धीरे ऊपर उठकर वैश्विक बाजार की गलाकाट प्रतिस्पर्धा में अपना मुकाम बनाती जा रही है। राष्ट्र के शिक्षण संस्थानों व कॉलेजों से निकलने वाले स्नातक अपनी अपेक्षाओं एवं योग्यताओं को वास्तव में जरूरी दक्षताओं से कम ही पाते हैं और यह अंतराल बढ़ता ही जा रहा है। लाखों विद्यार्थी जो भारतीय कॉलेजों और शिक्षण संस्थाओं से पढ़कर निकलते हैं, उद्योगों द्वारा मांगी गई रोजगार की शर्तों से स्वयं को कम पा रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है?
इस पुस्तक का मूल उद्देश्य इन्हीं दोनों विशिष्ट योग्यताओं पर प्रकाश डालना है क्योंकि विश्व-भर के संस्थानों में अभी इन विषयों पर पूरी गंभीरता और परिपक्वता के साथ काम शुरू नहीं हो पाया है। इसी उद्देश्य के लिए यह पुस्तक 108 विचारों, गुणों, लोगों की विशेषताओं तथा मानवीय योग्यताओं को समेटती है, जो सॉफ्ट स्किल के क्षेत्र में बहुत महत्त्व रखती हैं। इनमें से कुछ एक दूसरे पर छा जाते हैं और कुछ बिल्कुल अलग भी रहते हैं। इनमें कुछ बिना दूसरे विचारों या मोतियों की सहायता के विकसित ही नहीं किए जाते और कुछ एक दूसरे के पूरी तरह पूरक होते हैं। यदि बाकी अर्हताएं बराबर रहीं तो यह निश्चित है कि इन 108 विचारों को आत्मसात कर जीवन में ढालने वाले लोग जीवन के हर क्षेत्र में विजेता बनकर ही उभरेंगे और ज्यादा महत्त्वपूर्ण बात, यदि आपमें इनकी कोई छटा मौजूद नहीं तो चिन्ता की कोई बात नहीं, क्योंकि इनमें से कुछ तो कभी भी अभ्यास द्वारा विकसित किए जा सकते हैं।