सूफ़ी परंपरा के पहले पंजाबी कवि शेख़ फ़रीद की रचनाएँ मानवीय संवेदना व बौद्धिक गहनता से भरपूर हैं। वे बड़ी सहजता से ग्रामीण परिवेश व बिंबों के माध्यम से बड़ी-से बड़ी बात कह देने की सामर्थ्य रखते हैं।
इस पुस्तक में भी उन्हीं की वाणी को अर्थ व भावार्थ सहित सरल शैली में प्रस्तुत किया गया है। लेखिका ने फ़रीद वाणी का अर्थ स्पष्ट करने के साथ-साथ उनकी जीवनी भी दी है। जिससे शेख़ फ़रीद की जीवनचर्या व उनसे जुड़े प्रसंगों को जानने की जिज्ञासा भी पूरी होती है। प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से शेख़ फ़रीद के जीवन के अनछुए पक्षों को उजागर करने की सुंदर चेष्टा की गई है। ‘अनमोल मोती’ शीर्षक के अंतर्गत बाबा फ़रीद की रचनाओं से निकले सूत्र वाक्य व उपदेश संग्रह किए गए हैं। ‘वाणी की मिठास’ में उनके कृतित्व की एक झलक मिलती है।