भारत के हिंदी के श्रेष्ठ कथाकारों की 21 श्रेष्ठ कहानियां, लेखक ने स्वयं चुन कर दी हैं। इस शृंखला में हिंदी के सभी प्रसिद्ध लेखकों की रचनाएँ छापी गई हैं। कहानियों के ये संकलन लेखक की भाषा, भावना और साहित्य को स्थापित करता है। मेरे पहले ही कहानी-संग्रह की समीक्षा करते हुए, प्रसिद्ध कलाकार राजकिशोर ने लिखा- ‘उषा महाजन की नायिकाएँ न केवल सभी-संबंधी अनेक मिथकों को तोड़ती हैं, बल्कि कुछ ऐसे मिथक रचती भी हैं, जो भारतीय मध्य वर्ग के भावनात्मक जीवन को समझने और उन्नत करने में मदद कर सकते हैं। ‘प्रेम क्या है? क्या यह कोई अद्भुत, अपरिभाषिक वस्तु है, जिसकी खोज हममें से हर कोई कर रहा है, पर जो मिलता है, वह हमारे आई एस आई पार्क पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता। या, यह जीवन के कार्य-व्यापार का ही एक पहलू है और इस मामले में यथार्थवादी होकर ही हम एक अन्तहीन तलाश से बच सकते हैं। इन कहानियों में दोनों दृष्टियाँ मिलती हैं। एक, ऐसे लोगों की जो खासे व्यावहारिक लोग हैं, जिनके जीवन में प्रेम उसी तरह एक वस्तुनिष्ठ पहलू है जैसी नौकरी या काल। दूसरे वे, जो प्रेम की खोज में दूर तक जाते हैं और पाते हैं कि प्रेम ठीक उतनी तरह का नहीं होता, जितनी तरह के लोग दुनिया में होते हैं?