समय प्रबंधन आदत है। जीवन को ढंग से चलाने की व्यवस्था है। हर काम को उसका समय और हक तथा साधन-संसाधन मुहैया कराने का नाम है। किसी काम को पूरा समय देने का मतलब है। इस पद्धति से जीवन-यापन में जीवन के लिए नए सोच और मौलिक दृष्टिकोण की प्राप्ति होती है। हमें लगता है जैसे हमने अपने आपको खोज लिया है। कुछ ऐसा है जो हमें अपने आप से अब मिल सकता है। इसको पहले भी पाया जा सकता था।
समय साधना में परिवर्तन के अनुकूल होने के लिए किसी और पर नहीं बल्कि खुद पर ही निर्भर रहना है। यह आत्मज्ञान बता देता है कि यह ‘मास्टर की’ है। तब कितने ही आंधी-तूफान आएं समय प्रबंधक को मालूम रहता है कि हवा और मौसम सक्षम दिशा निर्देशक के ही हक में रहते हैं।