सतत परिश्रम और लगन के बल पर किस तरह एक सामान्य व्यक्ति सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है, इसे बखूबी चरितार्थ किया है सी.बी.आई. के पूर्व निदेशक श्री जोगिन्दर सिंह (आई.पी.एस., सेवानिवृत्त) ने। सफलता की कहानी कहते उनके लेख किसी भी महत्वाकांक्षी युवा व्यक्ति के लिए प्रेरणास्रोत हो सकते हैं। श्री जोगिन्दर सिंह द्वारा लिखी इस पुस्तक में आत्म-सुधार के अचूक मंत्र हैं। अपनी विजय गाथा में उन्होंने सफलता के राज खोले हैं और बताया है कि किस प्रकार विजेता बनने का सफर तय होता है। एक मंत्र जो आपको शीर्ष पर पहुंचा सकता है, वह कुछ ऐसे हैं- अपने लिए बेहतर अवसर तलाशिए, बड़े सपने देखिए और उन्हें साकार करने के लिए कठिन श्रम से नाता जोड़ि़ए। विजेता बनने के लिए जरूरत है तो बस अपने हनर और नजरिए को सकारात्मक दिशा में मोड़ने की। याद रखिए, सफलता हमेशा इच्छा से परिचालित होती है। थोड़ी-सी मेहनत और थोड़ा बलिदान, आपको सफलता की ओर प्रवृत्त कर सकता है। आपका वर्तमान महत्वपूर्ण है, जो उम्मीद है, वह तभी साकार रूप ले सकती है जब आप केंद्रित हों क्योंकि उद्देश्य ही सफलता का आधार है।