पुस्तक सिंहासन बत्तीसी में शिक्षाप्रद और सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से जुड़ी प्रेरक कहानियां हैं। ऐसी मान्यता रही है कि उनके तिलिस्मी सिंहासन से जुड़ी बत्तीस पुतलियों ने ये शिक्षाप्रद कहानियां राजा भोज को सुनाई थी। बहरहाल, इन कहानियों में सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हैं। कथाएं बताती हैं कि विक्रमादित्य कौन थे, उनकी शासनशैली, न्याय का तरीका व राजनीति का तरीका कैसा था। कहानियां उनकी न्यायप्रियता व लोककल्याणकारी शासन का विवरण देती हैं। वे जीवन मूल्य व शासक के दायित्व आज भी प्रासंगिक हैं। किशोरवय के लिए ये कहानियां प्रेरणा की स्रोत हैं। सिंहासन बत्तीसी सम्राट विक्रमादित्य के जीवन से संबंधित राजनीति, दया, दान, ज्ञान, त्याग और उनके न्याय से संबंधित उन 32 कथाओं का संग्रह है जो उनके सिंहासन से जुड़ी बत्तीस पुतलियों द्वारा राजा भोज को सुनाई गई थीं। इन कथाओं से हमें ज्ञात होता है कि सम्राट विक्रमादित्य कौन थे, उनके न्याय करने का ढंग कैसा था? वह लोक जीवन में न्यायप्रिय राजा के नाम से हजारों वर्षों बाद भी क्यों लोकप्रिय हैं? सिंहासन बत्तीसी की कहानियां आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी पहले थी। समय-काल जरूर बदला है लेकिन एक राजा का सर्वोच्च धर्म जनता जनार्दन का कल्याण करना ही सर्वप्रथम और अन्तिम लक्ष्य होता है। इस पुस्तक में सम्राट विक्रम के अनोखे प्रयोग हैं जो आज की जरूरत हैं। किशोरों के व्यक्तित्व विकास के लिए इन कथाओं का अपना अलग और प्रभावपूर्ण महत्व होगा।