प्रखर राष्ट्रवादी नेता, श्रेष्ठ वक्ता और सर्वश्रेष्ठ सांसद रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन अपने समकालीन राजनेताओं के लिए ही नहीं, वरन् वर्तमान और भविष्य के नेताओं के लिए भी आदर्श एवं अनुकरणीय है । उनकी राजनीति विपक्षी पार्टियों पर आक्षेप लगाकर अपनी पार्टी को चमकाने की कभी नहीं रही, बल्कि राष्ट्रहित के मुद्दे उठाकर जनाधार बढ़ाने में उनका विश्वास रहा है । उन्होंने वर्ग विशेष के विरुद्ध या पक्ष में मुद्दे उठाकर राजनीतिक स्वार्थ-सिद्धि नहीं की, वरन् राष्ट्रहित की राजनीति को अपना परम लक्ष्य माना । यही कारण है कि विचारधारा में घोर विरोध होने के बावजूद तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू भी अटल जी की सराहना करने से स्वयं को रोक न सके ।
अटल बिहारी वाजपेयी ने एक सांसद बनकर, एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का अध्यक्ष पद संभालकर, संसद में विपक्ष की राजनीति कर और अंतत : देश का प्रधानमंत्री पद संभालकर भारत के राजनेताओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं । प्रस्तुत पुस्तक ' प्रखर राष्ट्रवादी राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी ' में वाजपेयी जी के जन्म, शिक्षण और राजनीतिक उत्कर्ष पर पहुंचने की गौरवगाथा का सरल और सरस भाषा में रोचकता के साथ वर्णन किया गया है ।