पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारतीय राजनीति में बड़े ही अदब से लिया जाता रहा है। वह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्हें पक्ष-विपक्ष दोनों ही तरफ से सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उन्होंने राजनीति के नये मापदंडों का सृजन किया। यही उनकी विशेष उपलब्धि मानी जाती है। उन्होंने अपने विचारों को सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों तक पहुंचाया और उनकी आवाज भी बने।
पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे महान व्यक्तित्व की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। वे एक महान देशभक्त, कुशल संगठनकर्ता, प्रखर विचारक, दूरदर्शी राजनीतिज्ञ और प्रबुद्ध साहित्यकार थे। वे सादा जीवन उच्च विचार की जीती जागती प्रतिमा थे। पं. दीनदयाल उपाध्याय की जीवन यात्र का तथ्यात्मक वर्णन आज उनकी लिखी हुई तमाम पुस्तकों में दर्ज हैं उन्होंने 1947 से 1949 तक विभिन्न लेखों व पुस्तकों का प्रकाशन ही नहीं किया बल्कि दर्जनों लेखकों को समाज में स्थापित करने का कार्य भी बड़ी शिद्दत के साथ किया