धन, सम्पत्ति, कॅरियर, व्यापार, नौकरी, वसीयत, हानि-लाभ आदि सवालों पर आधारित यह अनोखी पुस्तक है जिसमें हस्तरेखाओं एवं लक्षणों का विस्तृत विवरण है। जातक की समस्याओं का सचित्र और विधिपूर्वक समाधान दिया गया है। नौकरी कब लगेगी? व्यापार चलेगा कि नहीं? मुकदमें में हार मिलेगी अथवा जीत? कॅरियर कैसा होगा? धनयोग कब है? ---जैसे असंख्य सवालों के जवाब इस पुस्तक में दिए गए हैं।
पामिस्ट्री गुरू दयानंद वर्मा और उनकी पुत्री निशा घई को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। इंस्टीट्यूट ऑफ पामिस्ट्री के संस्थापक दयानंद वर्मा का नाम विश्व में हस्तरेखा विशेषज्ञों में बड़े सम्मान से लिया जाता है। वर्षों की उनकी शोध ने पामिस्ट्री में नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। जिस प्रकार ब्लड टेस्ट आदि देखकर एक विशेषज्ञ शरीर के भीतरी अंगों की क्रियाओं को समझ सकता है, उसी प्रकार एक हस्तरेखा विशेषज्ञ हाथ की रेखाएं देखकर उस व्यक्ति के भीतर छिपी संभावनाओं को समझ सकता है। मनुष्य के अंदर छिपी संभावनाओं का अध्ययन ही भूत, भविष्य और वर्तमान को पढ़ना है।