हमें रोज़मर्रा के जीवन में निरंतर दूसरों के अनुरोध का सामना करना पड़ता है। दूसरों की मदद करना भले ही अच्छी आदत कहलाती है लेकिन लगातार ऐसा करते रहने से हम पाते है कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए हमारे पास समय नहीं रह जाता है। इस तरह के कार्य करते रहने से हमारे भीतर हताशा पैदा होने लगती है। 'न' एक सरल शब्द है जो महज एक अक्षर का है लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए 'न' उच्चारण कर पाना कठिन होता है। जबकि हम सभी जानते है कि 'न' कह देने से हम जीवन की अनेक कठिनाइयों से बच सकते हैं। इस पुस्तक में ऐसे अचूक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपने दैनिक जीवन में अपनाकर कोई भी व्यक्ति न कहने की कला में पारंगत बन सकता है और जीवन को खुशहाल बना सकता है।