इन्होंने न केवल चिकित्सा विज्ञान में कई नई खोजें की हैं, अपितु समसामयिक सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं आध्यात्मिक मुद्दों पर भी अपनी कलम चलाई है। इसी कड़ी में इन्होंने हर प्रमुख दिवसों के मर्म को समझाती, बतलाती गीतों की रचना की है और उस पर गद्यात्मक आलेख भी लिखा है, जो अपने आप में अनूठा कार्य है, जिसकी सानी समकालीन हिंदी साहित्य जगत में नहीं है। विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व योग दिवस, बुद्ध पूर्णिमा, गांधी जयंती आदि पर लिखे दिवस गीत एवं आलेख तो जीवन जीने का एक सलीका सिखाता है, जिस पर अगर आज का मनुष्य चले तो न केवल उसे बल्कि समाज, देश, काल की सीमाओं से परे सम्पूर्ण मानवता का कल्याण हो सकता है। कुल मिलाकर यह अति- संग्रहणीय, पठनीय कृति है।