इस पुस्तक को लिखने का एक मुख्य उद्देश्य एकाग्र कला को सरल बनाना भी है। अधिकतर लोग यही सोचते हैं कि अच्छी एकाग्रता हासिल करने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। किसी खास साधना व प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है परंतु ऐसा नहीं है आप अपनी सांस के माध्यम से, चारों ओर फैले रंगों से, गीत-संगीत से, आसन-व्यायाम से लिखने-पढ़ने से, नींद-चित्रकारी से, आहार-मुद्राओं से, ज्योतिष-वास्तु आदि से न केवल एकाग्रता को साध सकते हैं बल्कि विभिन्न प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों के वैज्ञानिक आधार को भी समझ सकते हैं। यह पुस्तक एकाग्रता के जरिए अन्य विधियों से भी अवगत कराती है।
इस पुस्तक से आप यही जानेंगे कि किस तरह सब कुछ प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से हमारी एकाग्रता से जुड़ा हुआ है या किस तरह हमारी एकाग्रता हमारे रोजमर्रा के व्यवहारिक, व्यावसायिक, आध्यात्मिक, निजि एवं व्यक्तिगत जीवन को तथा हमारे मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यह पुस्तक न केवल एकाग्रता के महत्त्व एवं उसकी उपयोगिता को रेखांकित करती है बल्कि एकाग्र कैसे हुआ जाए यह भी सिखाती है।