विद्यार्थी जीवन से ही कविता के प्रति रुचि रही और राष्ट्र कवियों की कविताऐं मन और मस्तिष्क पर बहुत प्रभाव डालती थीं। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, सुमित्र नन्दन पंत, महादेवी वर्मा, तुलसी, कबीर का साहित्य और साथ ही फिल्मी गीतकारों में साहिर लुधियानवी, शैलेन्द्र तथा पंण्डित प्रदीप जैसे गीतकारों की रचनाओं के प्रति बड़ा आकर्षण रहा और इन्हीं की प्रेरणा से धीरे-धीरे स्वयं भी कविता की रचना का क्रम शुरू हो गया। वैसे तो आम जिन्दगी में उद्योग व्यापार में जीवन अति व्यस्त रहता था, किन्तु जब कभी भी मन उद्वेलित होता तो कोई न कोई रचना जन्म लेती रही। इसी क्रम में कुछ कविताएं जो संग्रहित और संकलित हो सकीं, उनको कविता के चाहने वालों के बीच प्रस्तुत कर रहा हूँ। सभी कविताऐं मौलिक चिन्तन से अभिभूत हो शब्द और छन्द में साकार हुई हैं, आशा है पढ़ने वालों को पसन्द आयेंगी।