आपको हँसाने की कोशिश का ‘जस्ट’ वायदा
होठों का फैलाव ‘ढाई-इंच’ से ‘जस्ट’ ज्यादा
मुस्कान से ‘जस्ट’ बड़ी, ठहाकों से ‘जस्ट’ कम
हास्य का ‘काव्य-रूप’ है ‘जस्ट-हास्यम्’
जस्ट हास्यम् हिन्दी है या अंग्रेजी । ध्यान से देखो तो लगता है हिन्दी की अंग्रेजी है और अंग्रेजी की हिन्दी । वैसे भी जस्ट का हिन्दी में कोई एकदम ठीक समानार्थी शब्द नहीं है और अंग्रेजी के पास हास्यम् को अनुदित करने की ताकत नहीं है इधर वैश्वीकरण के इस दौर में संवाद. संप्रेषण संकल्पना के चलते परम्पर भाषाई स्वीकार्यता बड़ी है । हम विश्व-ग्राम के जुमले गढ़ रहे हैं । सब भाषाओं को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं । कुल मिलाकर हम जुबान को जुबान की भाषा में पढ़ रहे हैं । अत: ‘जस्ट-हास्यम्’ में अंग्रेजी के कुछ आम शब्द हैं, जो समाता के लिए जरूरी है. लेकिन पुस्तक हिन्दी हास्य कविताओं के रैक में ही रखी जाने योग्य है ।