गलती किसकी ? ऐसे अद्भुत अनुभवों का संकलन है जो व्यक्तिगत रूप से अभिव्यक्त किये गयें हैं, जिन्हें बिना किसी कांट-छांट के प्रस्तुत किया गया है । यह ऐसे लोगों की कहानी है जिन्हें अपनी अतीत की गलती की पीड़ा का एहसास मात्र है ।
यह पुस्तक सम्मान और आपसी समझ के परिणामस्वरूप दिए गए उन व्यक्तियों के अख्यानों का अद्भुत संग्रह है जिन्होंने अपनी जिन्दगी की दास्तान निर्भय और निर्बाध रूप से खुलकर सुनाई। पाठकों को ऐसे व्यक्तियों के जीवन में झांकने की निकट अंतर्दृष्टि उपलब्ध कराती है यह पुस्तक-गलती किसकी? वरना आप उन्हें नजरंदाज कर देते, उनसे अनजान रहते और आप उनमें दाखिल ही न हो पाते । यह पुस्तक इन वास्तविकताओं को श्वेत-श्याम रंग-रूप में उन सभी व्यक्तियों के समक्ष उजागर करती है जो इन घटनाओं की रोकथाम में भूमिका निभा सकते हैं। यह पुस्तक किए जानेवाले कर्त्तव्यों और स्वीकार किए जानेवाले उत्तरदायित्वों को परिभाषित करती है।
जीवन के ऐसे अनुभव जो कड़वी सच्चाई का भीतर से ज्ञान करातें हैं, जिसे कोई स्मरण नहीं करता, अहसास भी नहीं । मगर पाठक के दिलो दिमाग को झकझोर कर रख देता है, हिलाकर रख देता है । रातदिन, हर वक्त । समसमायिक विषयों को उकेरता-कुरेदता और सवाल दर सवाल खड़ा करता एक महत्वपूर्ण दस्तावेज ।